चांदुर रेलवे : महाराष्ट्र प्रांत की पावन धरा चंदुर रेलवे की दिगंबर जैन समाज ने भारत गौरव, राष्ट्र संत, प.पू. वात्सल्य रत्नाकर गणाचार्यश्री 108 विराग सागरजी महा मुनिराज ससंघ 42 पिंच्छि का आज धर्म नगरी चांदुर रेलवे में मंगल प्रवेश हुआ हुआ। महाराष्ट्र के वर्धा जिले के धर्म नगरी हिंगणघाट में भव्य पंचकल्याणक सानंद संपन्न होने के उपरांत विशाल ससंघ का मंगल विहार हो रहा है। हिंगणघाट के बाद वर्धा वर्धा के बाद अब विशाल ससंघ का मंगल विहार हो चुका है। आज सुबह ८ बजे आचार्य श्री ससंघ मंगल आगमन होते ही चांदूर जैन समाज द्वारा इस विशाल ससंघ की बैंड बाजा, गुरुदेव के जयकारों के साथ भव्य अगवानी की गई। ससंघ सर्व प्रथम नगर स्थित श्री चंद्रनाथ स्वामी दिगंबर जैन मंदिर में पधारकर भगवान के दर्शन लिए। उसके बाद आचार्य श्री ससंघ का नगरवासी द्वारा पुजन, चित्रनावरण, दिप प्रज्वलन आदि मांगलिक क्रियाएं संपन्न हुई। तथा भक्तों ने अमरावती व सिद्ध क्षेत्र मुक्तागिरी में पधारने हेतु पुज्य गुरुवर के श्री चरणों में श्रीफल समर्पित किया। आपको बता दें कि, इस विशाल ससंघ में लगभग 42 पिंच्छि है। जिसमें आचार्य श्री विराग सागर जी महामुनीराज, मुनिश्री विशेष सागर जी महाराज के साथ मुनिश्री, आर्यिका एवं क्षुल्लक जी का समावेश है।
तत्पश्चात पूज्य गुरुदेव ने अपनी मंगल देशना के माध्यम से बताया की, महाराष्ट्र की इस पवन भूमि चांदूर रेलवे ने दिगंबर एवं श्वेतांबर समाज से 4 रत्न दिए। जो मुनि दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग पर चल पड़े हैं। ऐसे पावन भूमि पर पधारकर आनंद की प्राप्ति हुई। ऐसी बात रखते हुए गुरुदेव ने उपस्थित सभी भक्तों आशीर्वाद प्रदान कीया।
अंत में पूज्य गुरुदेव श्रमणाचार्य विमर्श सागर जी महाराज की संघर्ष दीक्षार्थी ब्रह्मचारिणी विशु दीदी आदि समस्त बहनों को दोनों हाथों से मोक्ष मार्ग पर बढ़ते हुए मंगल आशीष प्रदान किया।