तलेगांव दशासर(मो.शकील अहमद)।यहाँ के मुख्य रास्ते आपको इस डिजीटल दौर में भी पूर्व काल का प्रमाण देते है जिधर से गुज़रो तब आपको यह मार्ग बदहाली की गिरफत में ही नज़र आयेंगे।तहसील का सबसे बड़ी जनसंख्या व बड़ी ग्राम पंचायत वाला यह गांव विकास की पटरी से बिल्कुल बबतक्ट्स नज़र आ रहा है जबकि इस ग्राम का सभी चुनावों में एक अपना मुकाम है।देखा यह जा रहा है कि तलेगांव की सारी मुख्य सड़के पूरी तरह उबड़ खाबड़ हो चुकी है वही कुछ मार्ग तो पैदल चलने के काबिल भी नही है उसमें जो सड़के कुछ हद्द तक अच्छी है उन सड़को पर अनगिनत ब्रेकर व रपटे डाले गए है।वही सार्वजनिक रास्तो को तो कुछ लोगो ने अपने घरों के नाली के निकासी के पाइप के लिए गड्डे कर ऊंचा कर दिया वही कुछ अच्छे सीमेंट रास्तो को पानी पूर्ति योजना की पाइप लाइन बिछाने हेतु खोदकर खराब कर दिया गया।वही इस ग्राम के बस स्टैंड से लेकर साप्ताहिक बाज़ार व देवगांव अप्रोच रोड से पानी की टंकी तथा गुल्हाने की चक्की व हनुमान मंदिर तक सारे मुख्य मार्ग उखड़ने से गड्डो में समागये है जिससे दुपहिया व अन्य वाहनों को चलाना सर्कस की तरह लगता है।उसी में बाकी कसर रास्ते पर मनमानी ढंग से किये जा रहे अतिक्रमण व बेतरतीब बे रोकटोक वाहनों की पार्किंग के साथ ही निर्माण कार्य में उपयोगी ईंट, रेती, गिट्टी व उसकी मिट्टी आदि मटेरियल रास्ते के किनारे रहने से आवाजाहि के राह में रोड़ा बन गए है।
तलेगांव में है सबसे ज़्यादा ब्रेकर—-//
इस श्रंखला में एक औऱ चीज यह भी देखने मिल रही हैं कि इस ग्राम में चहुंओर दस से पंद्रह मीटर पर ब्रेकर हैं कुछ एतेहात के तौर पर बने है तो कुछ लोगो ने अपने घरों के गंदे पानी या नल लेने के लिए खुदाई कर बनाये गड्डे बंद करने बनाई रपटे ही क्यो ना हो।मगर यहाँ देखने वाली बात यह भी है कि लोग मनमानी तौर पर सरकारी रास्तो को फोड़कर नाली के पाइप या नल के पाइप डालने में बिना कोई हिचकीचाहट व्यस्त है तो ग्राम प्रशासन को सार्वजनिक प्रॉपर्टी को नुकसान होते हुए भी कुछ दिखाई नही दे रहा है।या तो प्रशासन की यह चुप्पी उन बे रोक टोक रास्तों को खराब करने वालो के लिए मूक सहमति है या उन्हें इस शासकीय मालमत्ता के होने वाले नुकसान से सरोकार ही नही ऐसा लग रहा है तभी तो लोग मनमाने ढंग से आम रास्तो पर अतिक्रमण व निर्माण कार्य का मटेरियल व रास्तो में अवरोधक बनने दे रहा है।