अपनी बदहाली पर आँसू बहारहे तलेगांव के रास्ते, राजनैतिक पाट के बीच तो नही पिसरहा तलेगांव का विकास? ग्रामीणों का सवाल।।

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तलेगांव दशासर।। पिछले कुछ साल से तलेगांव के विकास की गाड़ी का पहिय्या कहि फंस गया ऐसा लगता है जिससे ग्राम की विकास की रफ़्तार रुकने से मूलभूत सुविधाओं की कमी से यह गांव जुझ रहा है।यहाँ पर सड़कें देखने लायक है हर मार्ग मानो नर्क की राह है बरसात में मुख्यमार्गों से गुज़रना तार की कसरत है वाहन तो छोड़ो पैदल चलना भी इस मार्ग से दुश्वार है।यहाँ सत्ता पक्ष विपक्ष के दमदार नेताओ की लंबी कतारें है और नए दम के भी चेहरे उभरकर सामने आरहे है मगर विकास के मुद्दे पर कोई भी आवाज़ उठाने या इसका बीड़ा नही उठाता दिख रहा है।यहाँ कि बिजली व्यवस्था अजब गजब है कभी भी आती है कभी भी जाति है जिसके लिए यहाँ स्वतंत्र रूप से बिजली सबस्टेश की आवश्यकता है वही यहा के बिजली तार पुराने जमाने के होने से बिजली का दबाव बढ़ने पर टूटते है उसको बदलने कि मांग भी समय की ज़रूरत है मगर लगता हैं कि किसी को भी इन बातों से सरोकार नही जिससे ग्राम में मात्र छुटपुट बातों पर ही राजनीति होती नज़र आरही है।मामला यहाँ तक नही है ग्राम के अधिकांश सड़के,मुख्य रस्ते,

शालाओ में शिक्षकों की कमी,अन्य विकास काम के साथ ही खेती की पगडंडियों की खस्ताहाली के साथ ही स्वास्थ्य आदि पर कोई बोलने त्यार नही राजनेताओं को शायद इस गांव की बदहाली की कोई सुध ही नही या उनकी कोई सुनवाई उनके आकाओं के पास कोई सुनने त्यार नही है।गांव में सभी मुख्य मार्ग चलने तो दूर पाव धरने से भी डराते है पैदल चलते कब गड्ढे में पैर जायेगा औऱ आप गिरेंगे यह नही कहा जा सकता वही बाइक आदि वाहनों से चलते समय उसके शोकअप टूटने व रोड की निकली गिट्टी से टायर पंचर हो इसकी चिंता तो वही बरसात से गड्डो में पानी भरणे उसमें गाडी स्लिप होकर गिरने का डर तो ऊबड़खाबड़ रास्तो से पीठ,क़मर,गर्दन स्पोंडिलेसेस जैसी बीमारियों के खतरे का अंदेशा ग्रामीणों को खौफ़जदा करता है।मगर क्यो राजनीतिक दलों के नेताओं की आँख में इस गांव की बदहाल सड़के व रुका विकास नही खटकता व गांव के विकास में पिछड़ेपण का अहसास नही होता? क्या राजनेतिक लोग महज उछलकूद कर अपना कद बढ़ाने हेतु लक्ष्य से भटक कर लोगो का ध्यान इन मुद्दों से हटाने की कोशिश मे लगें है या इस गांव कि बदहाली से किसी को कोई सरोकार नही?ऐसा सवाल जागरूक ग्रामवासियों के मन मे उठ रहे है।राजनैतिक दलों के जवाबदार व प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों से विनंती है कि वह ग्राम की विकास की रुकी गाड़ी के फंसे पहियों को गति प्रदान कराने अपने राजनैतिक दम खम के बूते बदहाल सड़को व विकास रुकी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाने में अपना कर्तव्य पालन करें व ग्राम कि बुनयादी आवश्यकताओ को सुचारू रूप से पूरा कर ग्राम के साथ न्याय करें।

veer nayak

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