मांजरखेड कसबा में शेतकरी मेळावा संपन्न,केंद्रीय कपास संशोधन संस्था नागपूर का आयोजन!!

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मांजरखेड कसबा :-भा.कृ.अनु.प.केंद्रीय कपास संशोधन संस्था नागपूर द्वारा चलाये जा रहे ‘किट प्रतिकार क्षमता व्यवस्थापन’ गुलाबी बिनौला अल्ली व्यवस्थापन रणनीती का प्रसार’ (आर.आर.एम.पी. बी.डब्लू.)इस केंद्र शासन पुरस्कृत प्रकल्प अंतर्गत हाल ही में चांदुर रेल्वे तहसील के ग्राम मांजरखेड में शेतकरी मेळावा का आयोजन किया गया था.इस कार्यक्रम का उदघाटन डॉ. विश्लेष नगरारे प्रमुख शास्त्रज्ञ( कृषि किट शास्त्र) और समन्वयक(आय.आर. एम. पी.बी डब्लू प्रकल्प) केंद्रीय कपास संशोधन संस्था नागपुर इनके हाथों हुआ।इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ.राहुल सातपुते(जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी)अमरावती,डॉ.ए. एस. तायड़े(पिक उत्पादक विभाग प्रमुख सी.आय.सी. एस.आर.)नागपुर,डॉ.सुमित महाजन(प्रमुख शास्त्रज्ञ.बीज वीज्ञान,सी.आय. सी.आर.नागपुर)डॉ.राम पाचकवडे (पीक संरक्षण विषय तज्ञ के वी के घातखेड़) आदि उपस्तिथ थे।यह कार्यक्रम आय.आर.एम.डब्ल्यू प्रकल्प अमरावती जिला समन्वयक डॉ. बाबासाहेब फड़,डॉ.नीलकंठ हिरेमणि(शास्त्रज्ञ वनस्पति रोगशास्त्र)डॉ.वैष्णवी ताथोडे वरिष्ठ संशोधक व सहकारी,मोहित भिलांगे यंग प्रोफ़ेशनल 1,आय.आर. एम.पी.डब्ल्यू अमरावती जिला तथा विवेक अधिकारी पी.एच.डि.विद्यार्थी(आय.ए. आर.आय. शैक्षणिक केंद्र नागपुर) ने इस किसान मेळावा का आयोजन किया था तथा इस कार्यक्रम में तालुका धामणगांव कृषि अधिकारी व चांदुर रेल्वे कृषि अधिकारी का सक्रिय सहयोग रहा।इस शेतकरी मेळावा हेतु धामणगाँव व चांदुर रेल्वे के विविध गांव के 250 से अधिक कपास उत्पादक का किसानों की उपस्तिथी रही।

उद्घाटक डॉ. नगरारे ने आय.आर.एम.पी.बी.डब्ल्यू इस राष्ट्रीय प्रकल्प के बारे में किसानों को जानकारी व यह प्रकल्प गुलाबी बोंड इल्ली व्यवस्थापन पर इसके महत्व पर प्रकाश डाला डॉ. राहुल सातपुते ने कपास उत्पादक किसानों के लिए कृषि विभाग विविध योजनाओ पर किस तरह काम करता हैं इसपर जानकारी दी।डॉ. तायड़े ने सी.आय.सी.आर. के विशेष कपास प्रकल्प के बारे में बताया वही सघन बुआई प्रणाली द्वारा कपास की एकड़ की उत्पादकता बढ़ाने पर विचार रखें।अच्छे गुणवत्तापूर्ण व किटकप्रतिकार क्षमता के बीजों के चुनाव पर डॉ. महाजन ने जानकारी दी तकनीकी सत्र में डॉ. फड़ ने गुलाबी बोंड इल्ली के व्यवस्थापन के बारे में व कपास के एकात्मिक रोग व्यवस्थापन पर डॉ.हिरेमणि ने किसानों को मार्गदर्शन किया।

veer nayak

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