चांदूर रेल्वे/ कोरोना काल के बाद से स्थानीय स्टेशन से जबलपुर एक्सप्रेस गाड़ी संख्या(12159/12160) शालीमार एक्सप्रेस गाड़ी संख्या (18029/18030) का स्टॉपेज बंद कर दिया गया था, बंद हुई गाड़ियों को फिर से चालू करवाने के लिए संसद रामदास तडस को चार वर्ष लग गए, जिससे उनके कार्य प्रणाली पर तालुका तथा शहर वासी प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं. तो वही तालुका तथा शहर की जनता इसका श्रेय रेल रोको कृति समिति को दे रही है, जो पिछले चार वर्षों से रेलवे उक्त रेलवे के स्टॉपेज के लिए अनेक बार आंदोलन कर चुकी है, आखिर उनके आंदोलन को यश मिलने की जनता में चर्चा है, उक्त दोनों गाड़ियों का कोरोना काल के पूर्व स्थानीय स्टेशन पर ठहराव हुआ करता था, लेकिन बाद में दोनों ही गाड़ियों का ठहराव स्थानीय स्टेशन से बंद कर दिया गया. सांसद रामदास तडस ने आश्वासन दिया था कि कोरोना से पहले चांदूर रेलवे स्टेशन पर शालीमार एक्सप्रेस (कुर्ला एक्सप्रेस) का पिछला ठहराव मार्च के पहले सप्ताह में किया जाएगा.
कोरोना से पहले जबलपुर एक्सप्रेस (12159/12160) और शालीमार एक्सप्रेस (18029/18030) को चांदूर रेलवे स्टेशन पर स्टॉपेज था ,लेकिन कोरोना के बाद अब तो दोनों गाड़ियों को यहां का स्टॉपेज बंद कर दिया गया था, इसके कारण चांदूर रेलवे और आसपास के तालुका के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इन गाड़ियों के स्टॉपेज के लिए पिछले चार वर्षों से स्थानीय रेल रोको कृती समिति की ओर से कई बार आंदोलन किए गए, रेल रोको कृति समिति ने रेलवे विभाग को चेतावनी दी कि 17 फरवरी को चांदूर शहर बंद किया जाएगा, तथा रेल रोको कृती समिति महा आंदोलन शुरू करेंगे. इसके बाद सांसद रामदास तड़स ने दिल्ली में रेलवे विभाग से संपर्क किया और अधिकारियों को स्थानीय स्थिति से अवगत कराया. इसके बाद 16 फरवरी की शाम को रेल रोको एक्शन कमेटी को जबलपुर एक्सप्रेस को रोकने का पत्र मिला, और नागपुर में रेलवे विभाग द्वारा शालीमार एक्सप्रेस (कुर्ला एक्सप्रेस) को रोकने की कोशिश करने का लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन स्थगित कर दिया गया. इसके बाद 22 फरवरी से अमरावती-जबलपुर एक्सप्रेस का ठहराव शुरू होने का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े. इस मौके पर सांसद रामदास तडस भी मौजूद थे. इस बीच सांसद तड़स ने आश्वासन दिया था कि मार्च के पहले सप्ताह तक शालीमार एक्सप्रेस का स्टॉपेज शुरू किया कर दिया जायेगा. जो की रेल रुको कृती समिति तथा सांसद तथा विधायक के प्रयासों से सफल हो पाया. लेकिन इन स्टॉपेज का श्रेय जनता रेल रोको कृती समिति द्वारा किए गए आंदोलन को दे रही है.