चांदूर रेलवे
महाराष्ट्र के साथ अन्य राज्य में भी कृष्णाजी उर्फ अवधुत महाराज ‘सावंग विठोबा’यह भक्ती धाम प्रसिद्ध है। यहा गुढी पाडवा से राम नवमी तक भक्त अवधुत महाराज के दर्शन को बड़ी संख्या में आते है।गुढ़ी पाड़वा को यहाँ दर्शन लिए भक्त आते हैं, इस यात्रा में अवधुत महाराज के लाखों भक्त मन्नतें पूरी करने हाथों पे ईट या फर्शी पर कपूर ज्योत, झेडे चढाने और उतारने के दरम्यान लगाते हैं। इस साल भी सांवगा विठोबा गांव में गुढी पाड़वा पर्व के दिन 9 मार्च को लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.यह उत्सव 9 मार्च गुडीपाडवा से 17 मार्च रामनवमी तक चलता, और
भक्त दर्शन करने यहा आते हैं।
#अलिखित है अवधुत महाराज की प्रार्थना
कृष्णा जी महाराज की प्रार्थना यह अलिखित है लगभग 300 वर्ष से अवधूत महाराज द्वारा पढ़ी गई पार्थना भक्तों ने स्मरण रूप से संग्रहित कर रखी है, तंबूरा और बड़े बड़े झाज्ज और मृदंग के साथ भक्तगण अवधूत महाराज की प्रार्थना भजन स्वरूप में भक्त गाते हैं। महाराज ने अपने अलिखित भजनो में अनेक उदाहरण दिए है। महाराज ने मनुष्य को भक्तों की उपमा देकर सत्य और सज्जनता का महत्व दर्शाया गया है। इस संसार में भक्त और भगवान दोनो एक समान है। इसका प्रतीक मंदिर परीसर में पूजा के लिए दो झंडे इसका प्रमाण है।
# श्रध्दा और भक्ती से कपूर ज्योत जलाकर करते नमन
इस अवधुत संप्रदाय की स्थापना लगभग ३०० वर्ष पहले कृष्णाजी महाराज ने की थी ,प्रार्थना अलिखित भजन से उन्होंने अपने विध्दवतापूर्ण और वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर उस समय की संस्कृत के युग से अशिक्षित,गरीब ,और असहाय, लोगों की भ्रामक मान्यताओ और विश्वास की निंदा कर अपने अलिखित भजनो से जनसामान्य जनता को प्रेरित कर समाज में अवधुत पथ की सुरूवात की लाखों भक्तो ने इस पथ पर विश्वास कर इस अवधुत पूजन पध्दति को अपनाया है।यहा आनेवाले लाखों भक्त अवधुत महाराज समाधी को नमन कर ईट पर कपूर जलाकर पुजा अर्चना करते हैं। पिछले २ वर्ष कोरोना की वजह से यहा यात्रा महोत्सव नही हुआ पर अखण्ड ज्योत और परंपरा अनुसार पुजा यहा हर वर्ष होती है। मंदिर विश्वस्त का कहना है की गुड़ी पड़वा के दिन यहा लाखों भक्तो की भीड उमड सकती है। स्थानिक प्रशासन की और से सभी मूलभूत सुविधा मुहैया कर पुलिस प्रशासन का तगडा बंदोबस्त है। चांदूर रेल्वे बस स्थान और अमरावती से आने के लिए परिवहन मंडल ने सुविधा की है। लेकिन गांव में आने वाले सभी मार्ग अरुद तथा बहुत ही खराब होने के कारण दो पहिया वाहन, ऑटो, बसों ,को आने में यहां बहुत दिक्कतें होती है , ऐसे में प्रशासन में इन मार्गों की दृरुस्ती करनी चाहिए थी,
यह जानकारी श्री विठोबा संस्थान उर्फ श्रीकृष्ण अवधूत बुवा संस्थान श्री क्षेत्र सावंगा (विठोबा)-विश्वस्त मंडळ अध्यक्ष-पुंजाराम वै.नेमाडे, उपाध्यक्ष-कृपासागर रा. राऊत, सचिव-अशोक ह. सोनवाल,विश्वस्त विनायक तु.पाटील,वामन के.रामटेके,गोविंद रा.राठोड, दिगांबर ना.राठोड,अनिल दि.बेलसरे,फुलसिंग रु.राठोड,चरणदास ना. कांडलकर,वैभव दि.मानकर,स्वप्निल ब.चौधरी दी है।